आतंकी हमला पर बयान देकर बुरे फंसे वडेट्टीवार, भाजपा ने कहा, "असंवेदनशील वक्तव्य के लिए देश कभी माफ़ नहीं करेगा"

नागपुर: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने अपने हालिया बयान पर मचे बवाल के बाद राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और मीडिया ने भी अधूरा हिस्सा दिखाकर जनता में भ्रम पैदा किया। वडेट्टीवार ने इसे सरकार की नाकामी छिपाने का षड्यंत्र करार दिया।
हाल ही में वडेट्टीवार ने आतंकवादियों द्वारा धर्म पूछकर गोली मारने की बात कही थी, जिस पर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया हुई। नितेश राणे जैसे नेताओं ने उनकी आलोचना की। इस पर वडेट्टीवार ने सफाई देते हुए कहा, "मैंने जो कहा, उसे पूरा दिखाना जरूरी है। मैंने यह कहा कि आतंकवादियों ने पहले धर्म पूछा और फिर गोली चलाई, लेकिन मेरे पूरे संदर्भ में बोले गए बाकी हिस्से को नहीं दिखाया गया।"
वडेट्टीवार ने पाकिस्तान पर देश में गृहयुद्ध भड़काने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "आतंकवादियों को धर्म पूछकर गोली चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें इतना समय मिला कि उन्होंने दो धर्मों के बीच खाई पैदा करने की कोशिश की। यह भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए घातक है।"
विपक्ष के नेता ने 26 साल बाद पर्यटकों पर हुए हमले को सरकार की नाकामी बताया। उन्होंने कहा, "मेरी बात को इस नाकामी को छुपाने के लिए गलत तरीके से पेश किया गया। मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं, आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। यह भारत को कमजोर करने की कोशिश है।"
वडेट्टीवार ने मीडिया से उनके पूरे भाषण को दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा, "अगर मेरी बातों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, परिवारों को पीड़ा हुई है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।
वडेट्टीवार ने राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। उन्होंने नाशिक के पालकमंत्री पद को लेकर पार्टी के भीतर मतभेदों और शिक्षक भर्ती घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि "तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा" चल रहा है और सरकार एकजुट होकर काम नहीं कर रही है।

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